क्या यही हिन्दुस्तान, ये कहाँ आ गए हम। क्या यही हिन्दुस्तान, ये कहाँ आ गए हम।
मैं ही जड़, मैं ही डाल, मैं खुद अपनी आधार! मैं ही जड़, मैं ही डाल, मैं खुद अपनी आधार!
बिखरे हुए खयालों को बांधना चाहता हूं, रिश्ते को अपने नाम देना चाहता हूं। बिखरे हुए खयालों को बांधना चाहता हूं, रिश्ते को अपने नाम देना चाहता हूं।
अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।। अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।।
आओ न घूल कर इक होते हैं, सनम जान से ऐसे ऐसे नहीं रूठते हैं। आओ न घूल कर इक होते हैं, सनम जान से ऐसे ऐसे नहीं रूठते हैं।
सुंदर मुखड़ा चांद का टुकड़ा हाय कहां से आया रे छम-छम करती नाक की नथनी कौन इसे ले आया रे सुंदर मुखड़ा चांद का टुकड़ा हाय कहां से आया रे छम-छम करती नाक की नथनी कौन इसे ले...